जिला चिकित्सालय में डॉक्टर सरकारी, लेकिन फीस प्राइवेट
दिवंगत पत्रकार की माता के इलाज के लिए कर्मचारी ने मांगी निजी फीस और 20 हजार रुपये अलग, समाजसेवी से भी की गई अभद्रता

शहरी चौपाल ब्यूरो नितिन शर्मा
मुजफ्फरनगर। जिला चिकित्सालय में मरीजों से इलाज के नाम पर कथित रूप से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्थि रोग विभाग में ऑपरेशन कराने के लिए डॉक्टर के नाम पर कर्मचारी ने न केवल निजी फीस मांगी, बल्कि 20 हजार रुपये अतिरिक्त जमा करने को भी कहा। विरोध करने पर मरीज को मेरठ रेफर करने की कोशिश की गई। इस दौरान समाजसेवी मनीष चौधरी के साथ भी अस्पताल कर्मचारियों ने अभद्रता की।
भोपा क्षेत्र के गांव गादला निवासी दिवंगत पत्रकार नीरज त्यागी की माता सालित्री देवी का मामला सामने आया। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. चतुर्वेदी द्वारा भर्ती करने के बाद उनके कर्मचारी लोकेश कुमार ने ऑपरेशन के लिए निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त फीस और 20 हजार रुपये मांगे। परिजनों ने असमर्थता जताई तो रेफर स्लिप थमा दी गई। इसी बीच सालित्री देवी की हालत बिगड़ गई और उन्हें ऑक्सीजन लगानी पड़ी।
समाजसेवी मनीष चौधरी ने बताया कि वार्ड में स्ट्रैचर तक आधार कार्ड या मोबाइल फोन गिरवी रखने पर ही दिया गया और विरोध करने पर कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों के खास लोगों को अवैध वसूली की पूरी छूट मिली हुई है।
सीएमएस डॉ. संजय कुमार वर्मा ने इस मामले में हस्तक्षेप कर रेफर कैंसिल कराया और वहीं पर उपचार शुरू कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार पर खेद जताया और उन्हें चेतावनी दी। हालांकि, पैसे मांगने की शिकायत उनके संज्ञान में न आने की बात कही और जांच कराने का भरोसा दिया। वहीं, आरोप है कि सीएमओ से कई बार सम्पर्क करने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया।