दो महाशक्तियों की नजदीकी: भारत-चीन की दोस्ती पर दुनिया की टिकी निगाहें
ट्रेड से लेकर इंटरनेशनल रिलेशन तक, SCO समिट बना नई संभावनाओं का मंच

नई दिल्ली, । चीन के तियानजिन में संपन्न हुए दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन ने वैश्विक राजनीति और कूटनीति को नई दिशा दी है। इस समिट में भारत, चीन, रूस सहित 10 सदस्य देशों, 2 पर्यवेक्षक देशों और 14 संवाद साझेदारों ने भाग लिया। हालांकि, सबसे अधिक चर्चित रहीं दो महत्वपूर्ण मुलाकातें—पहली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की, तथा दूसरी पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की। इन बैठकों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘गेमचेंजर’ माना जा रहा है।
भारत-चीन रिश्तों में नई ऊर्जा
चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने स्पष्ट कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन ने आम सहमति बनाने और विकास की नई रूपरेखा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपने संबोधन में कहा कि एससीओ एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय ढांचे के रूप में उभरा है, जो न केवल नए रिश्ते बनाने में बल्कि मानवता के साझा भविष्य को संवारने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
AI तकनीक पर भारत-चीन की साझेदारी
भारत ने समिट के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भविष्य की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए SCO देशों के साथ सहयोग को और गहरा करने पर जोर दिया। तियानजिन घोषणापत्र में AI को लेकर सदस्य देशों की साझा प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया गया। इसमें कहा गया कि सभी देशों को एआई तकनीक के विकास और उपयोग का समान अधिकार होना चाहिए।
भारत और चीन ने संकेत दिए कि वे ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान-तकनीक, और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाएंगे। राष्ट्रपति चिनफिंग ने अपने भाषण में विशेष तौर पर AI, डिजिटल इकॉनमी और वैज्ञानिक नवाचार को साझा विकास का आधार बताया।
मोदी-पुतिन मुलाकात भी रही केंद्र में
इस समिट के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात भी सुर्खियों में रही। दोनों नेताओं ने वैश्विक ऊर्जा संकट, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहन चर्चा की।
दुनिया भर की निगाहें भारत-चीन पर
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-चीन की यह नजदीकी सिर्फ एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम है। दोनों देशों के बीच सहयोग से वैश्विक व्यापार, तकनीकी विकास और कूटनीति पर गहरा असर पड़ सकता है ।
SCO समिट ने भारत, चीन और रूस के रिश्तों को नई मजबूती दी है और दुनिया इस बदलते समीकरण पर पैनी नजर बनाए हुए है।