भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करने पर तुली: राजकुमार भाटी

शहरी चौपाल ब्यूरो
सहारनपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि भाजपा पाठशालाएं बंद कर रही है और मधुशालाएं खोल रही है। ये समाज को अशिक्षित, अंधविश्वासी और कूपमंडूकता बनाना चाहते हैं, ताकि उनसे सवाल न किए जा सकें। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी के राजोरी गार्डन स्थित सपा नेता विनोद पंवार के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने मेरठ-सहारनपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र विधान परिषद सीट के लिए डॉ. नितिन तोमर को प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी पार्टी या निर्दलीय ने चुनावी मैदान में उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई, लेकिन सबसे पहले सपा ने अपना प्रत्याशी उतारकर चुनावी जंग की शुरुआत कर दी है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में नौ जिलों की सीटों पर सपा के वरिष्ठ नेता नितिन तोमर के साथ खड़े हैं। अपील की जा रही है कि चुनाव जीतने की पूरी रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि हम ग्रुप बनाकर वोट बनवाने और वोट डलवाने की जिम्मेदारी तय करेंगे। शिक्षकों को लुभाने की कोशिश करते हुए कहा कि सपा पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में है, और इसे घोषणा पत्र में शामिल किया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि जब-जब सपा की सरकार रही है, शिक्षकों के हित में योजनाएं लागू की गई हैं क्योंकि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव खुद शिक्षक रहे हैं। भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए भाटी ने कहा कि भाजपा चाहती हैं कि समाज पढ़ा-लिखा न हो। क्योंकि जब समाज शिक्षित होगा तो अपने अधिकार मांगेगा और सरकार से सवाल करेगा। भाजपा की पूरी योजना समाज को अंधकार में रखने की है। उन्होंने आगे बताया कि 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर सपा बूथ कमेटियों के गठन और उनके प्रशिक्षण पर काम कर रही है। लखनऊ से हर जिले और विधानसभा में पर्यवेक्षक भेजकर कमेटियों का भौतिक सत्यापन कराया गया है। जहां कमजोरियां मिलीं, वहां दोबारा गठन किया गया। उन्होंने बताया कि अब दूसरे चरण में बूथ सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि भाजपा चुनाव में किस तरह धांधली करती है और उसे रोकने के क्या उपाय होंगे। भाटी ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर भी जल्द पार्टी का रुख साफ होगा। बैठक में ये तय किया जाएगा कि सपा सिंबल पर चुनाव लड़ेगी या नहीं।