बाढ़ पीड़ितों के लिए मसीहा बनी योगी सरकार, ढाई लाख से अधिक लोगों को मिली राहत

लखनऊ। पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का संकट गहराने लगा है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों की हर जरूरत पूरी करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बाढ़ की समस्या से असहाय न होना पड़े, इसके लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। साथ ही बाढ़ प्रभावितों के साथ मवेशियों की सुरक्षा और उनके चारे का भी विशेष ख्याल रखा जाए।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 22 जिलों की 43 तहसीलें और 768 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में अब तक 2,52,839 लोगों को राहत सहायता दी जा चुकी है। वहीं 33,370 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से अब तक किसी भी मकान को क्षति नहीं पहुंची है, हालांकि 37,279 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है।
प्रभावित इलाकों में 550 नावों और मोटरबोट्स के माध्यम से सहायता सामग्री पहुंचाई जा रही है। मंगलवार को ही वहां 6,458 खाद्यान्न पैकेट और 7,143 लंच पैकेट वितरित किए गये। साथ ही बीमारियों से बचाव के लिए 11,022 क्लोरीन टेबलेट और 5,049 ओआरएस पैकेट भी लोगों तक पहुंचाए गए।
प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 278 बाढ़ शरणालय सक्रिय किए हैं, जहां 3,089 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। इन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण 586 मेडिकल टीमों द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा 1,022 बाढ़ चौकियां भी स्थापित की गई हैं, जो चौबीसों घंटे स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।
ये जिले हैं बाढ़ से प्रभावित
वर्तमान में प्रदेश के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं – वाराणसी, प्रयागराज, औरैया, बहराइच, बांदा, मीरजापुर, कानपुर देहात, चंदौली, फतेहपुर, कानपुर नगर, बाराबंकी, बदायूं, फरुर्खाबाद, गोंडा, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर और उन्नाव।