बच्चों में जंक फूड का बढ़ता क्रेज सेहत के लिए खतरा विशेषज्ञों ने बताया पोषण की कमी और आंखों पर गंभीर असर

रिपोर्ट मनोज मिड्ढा
सहारनपुर बच्चों में जंक फूड के प्रति दीवानगी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है पिज्जा बर्गर और नूडल्स का स्वाद आजकल बच्चों की पहली पसंद बन गया है यहां तक कि वे रोटी सब्जी की जगह लंच और डिनर में भी इन्हीं चीजों को खाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों का यह झुकाव लंबे समय में उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं मधुमेह और कैंसर जैसे गंभीर रोगों की ओर धकेल रहा है
जानकारों के अनुसार जंक फूड का अधिक सेवन बच्चों की दृष्टि पर भी बुरा असर डालता है कुछ समय पहले ब्रिटेन से सामने आई एक चौंकाने वाली खबर ने यह साबित कर दिया था कि लगातार जंक फूड खाने वाले एक 17 वर्षीय किशोर की आंखों और कानों की रोशनी चली गई क्योंकि वह केवल जंक फूड खाता था और कुपोषण का शिकार हो गया
विशेषज्ञ बताते हैं कि जंक फूड में मौजूद नमक और वसा की अधिकता हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को जन्म देती है जिसका सीधा असर आंखों की संरचना पर पड़ता है इससे धुंधली दृष्टि आंख के भीतर रक्तस्राव या ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं वहीं कुछ मामलों में सेंट्रल सीरस कोरियोरेटिनोपैथी जैसी स्थिति भी देखी जाती है जिसमें रेटिना के नीचे तरल पदार्थ जमा हो जाता है और मरीज को काले धब्बे या धुंधला दिखाई देने लगता है
आंखों की सेहत के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी बच्चों की रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर सकती है जिससे कॉर्नियल डिजनरेशन या दृष्टि हानि का खतरा भी बढ़ सकता है विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों को पैकेट में मिलने वाली सलाद की ड्रेसिंग मेयोनीज केचअप और बारबेक्यू सॉस जैसी वसा से भरी चीजों से दूर रखना चाहिए
इसके स्थान पर बच्चों को विटामिन और खनिज से भरपूर आहार देने की सलाह दी जाती है जिसमें संतरा अंगूर कीवी गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल की जा सकती हैं ताकि बच्चों की आंखों की रोशनी और समग्र स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके