इदारा अलबाक़ियातुस सालिहात और मस्जिद उस्मान ग़नी ने बढ़ाया पंजाब बाढ़ पीड़ितों की ओर मदद का हाथ
कारी इसरार अहमद बोले – इंसानियत के नाते कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं हम

बेहट , पंजाब के कई इलाकों में आई विनाशकारी बाढ़ ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मकान, खेत-खलिहान और रोज़गार तबाह होने से हज़ारों परिवार खुले आसमान तले रहने को मजबूर हैं। इस संकट की घड़ी में इदारा अलबाक़ियातुस सालिहात और मस्जिद उस्मान ग़नी ने राहत कार्यों में उल्लेखनीय योगदान कर मिसाल पेश की है।
इदारे के नाज़िम कारी इसरार अहमद, नाईब नाज़िम मौलाना अब्दुल वाजिद मिफ़्ताही, प्रधान शिक्षक कारी वसीम अहमद, अध्यापक कारी मोहम्मद इसरार और इमाम-ख़तीब कारी मुदस्सिर के नेतृत्व में तुरंत राहत सामग्री जुटाई गई। मस्जिद कमेटी और स्थानीय दानदाताओं के सहयोग से खाने-पीने का सामान, साफ पानी, दवाइयां, कपड़े और अन्य ज़रूरी वस्तुएं एकत्र कर पीड़ित परिवारों तक पहुंचाई गईं।
सिर्फ़ राहत सामग्री ही नहीं, बल्कि टीम ने बाढ़ पीड़ितों के साथ समय बिताकर उनका हौसला बढ़ाया और यह भरोसा दिलाया कि पूरी बस्ती उनके साथ खड़ी है।
इस सेवा मिशन में मोहम्मद इंतज़ार, मो. इस्तख़ार मलिक, मो. नदीम सलमानी, रईस मलिक, मो. राशिद समेत अनेक नेकदिल लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनके प्रयासों ने यह साबित किया कि धार्मिक संस्थान केवल शिक्षा के केंद्र ही नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा और इंसानी हमदर्दी के भी मज़बूत स्तंभ हैं।
कारी इसरार अहमद ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना इंसानियत की सबसे बड़ी सेवा है और ऐसे कठिन समय में सबको एकजुट होकर आगे आना चाहिए।
इदारा अलबाक़ियातुस सालिहात और मस्जिद उस्मान ग़नी की यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन गई है।