किराया वृद्धि के विरोध में व्यापारियों ने बंद की दुकानें, ट्रस्ट को सौंपी चाबियां
आश्रम गेट पर बैठा अनिश्चितकालीन धरना, सुविधाओं की अनदेखी का भी लगाया आरोप

शहरी चौपाल ब्यूरो
सहारनपुर। मंडी समिति रोड स्थित स्वामी तुरियानंद मार्केट के व्यापारियों ने शनिवार को अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दीं और चाबियां स्वामी तुरियानंद ट्रस्ट के पदाधिकारियों के सामने रखकर आश्रम गेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज कालड़ा ने बताया कि ट्रस्ट पदाधिकारी अपनी मनमानी करते हुए कभी 10 तो कभी 20 प्रतिशत तक किराया बढ़ा देते हैं। अब अचानक 7 प्रतिशत किराया बढ़ाकर सभी व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, यदि कोई दुकान बिकती है तो उसकी रसीद बदलने के लिए 5 से 7 लाख रुपये तक वसूले जाते हैं और नए दुकानदार से 120 प्रतिशत तक अधिक किराया लिया जाता है।
कालड़ा ने आगे कहा कि आज ट्रस्ट की ओर से मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन चर्चा के बजाय सीधे किराया वृद्धि का फरमान सुना दिया गया। जिन दुकानदारों का किराया दो से ढाई साल से रुका हुआ है, उनसे भी बढ़ा हुआ किराया वसूला जा रहा है। व्यापारियों ने इसे “हिटलरशाही रवैया” बताते हुए विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि 20 साल से बाथरूम जैसी मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे कई व्यापारी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। जब तक समाधान नहीं होगा, दुकानें बंद रहेंगी।
उधर, ट्रस्ट के पदाधिकारी महेंद्र ने व्यापारियों के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट केवल 7 प्रतिशत किराया बढ़ा रहा है, जो कि कानूनन हर साल बढ़ाया जाता है। नोटिस भी सिर्फ उन्हीं लोगों को भेजे गए हैं, जिन्होंने पिछले दो-दो साल से किराया रोका हुआ है। कुल 42 दुकानों में से कुछ ही दुकानदार ऐसे हैं जिन्हें नोटिस जारी किए गए। महेंद्र ने आरोप लगाया कि नोटिस मिलने के बाद ये व्यापारी एकजुट होकर आश्रम गेट पर शोर-शराबा करने लगे ताकि बाहर से आने वाली संगत को असुविधा हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट केवल कानून के मुताबिक किराया ले रहा है और वही नियम दुकान आवंटन के समय भी बताए गए थे।
धरने की वजह से आश्रम गेट पर दिनभर हलचल बनी रही और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी झेलनी पड़ी।