दशलक्षण महापर्व में उत्तम तप धर्म का किया आयोजन
इच्छाओं को रोकना ही तप है: आचार्य विमर्श जी महाराज आईआरएस सुक्रांत जैन को किया सम्मानित

शहरी चौपाल ब्यूरो
सहारनपुर। महानगर में चल रहे दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व के सातवें दिवस उत्तम तप धर्म का आयोजन जैन बाग स्थित अतिशयकारी मंदिर में श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। प्रातःकाल श्री महावीर स्वामी के जिनबिम्ब पर अभिषेक एवं शांतिधारा कर विश्व शांति की कामना की गई। परम पूज्य आचार्य श्री विमर्श सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि इच्छाओं को रोकना ही तप है। सम्यक तप आत्मा को मलिन विकारों से अलग कर पापों की निर्जरा करता है। उन्होंने बताया कि नरक, तिर्यंच और देव गति में तप संभव नहीं, केवल मनुष्य जीवन में ही तप धारण कर आत्मकल्याण किया जा सकता है। इस अवसर पर समाज के मेधावी युवा सुकांत जैन के आईआरएस चयन पर जैन समाज ने उनका अभिनंदन किया। अध्यक्ष राजेश कुमार जैन ने स्वागत करते हुए कहा कि सुकांत ने ईमानदारी, निष्ठा और परिश्रम से सफलता प्राप्त कर समाज को गौरवान्वित किया है। उल्लेखनीय है कि सुकांत ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और सहायक आयकर आयुक्त पद पर चयनित हुए हैं। उनके पिता गौरव जैन गुड़गांव में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं तथा माता रीना जैन ने शिक्षा में विशेष योगदान दिया है। कार्यक्रम में सीए अनिल जैन, संरक्षक राकेश जैन, महामंत्री सजीव जैन सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। सभी ने तप धर्म की महत्ता पर विचार व्यक्त करते हुए युवाओं को प्रेरणा लेने का संदेश दिया।