यमुना उफान पर, गांवों और दिल्ली में मंडराया खतरा
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया सवा 3 लाख क्यूसेक पानी, तटवर्ती इलाकों में अलर्ट

शहरी चौपाल ब्यूरो
सहारनपुर/बेहट।उत्तर भारत में पहाड़ियों से लेकर मैदानों तक हो रही मूसलाधार बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। हिमाचल और उत्तराखंड की पहाड़ियों से बहकर आ रहा पानी हथिनीकुंड बैराज तक पहुंचा तो सिंचाई विभाग को भी सायरन बजाकर अलर्ट जारी करना पड़ा। सोमवार सुबह 9 बजे बैराज से 3 लाख 29 हजार 313 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया।
इस भारी जलप्रवाह से यमुना तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल है। किसान फसलों के डूबने और गांवों में पानी घुसने की आशंका से चिंतित हैं। वहीं, पानी का यह सैलाब 72 घंटे बाद राजधानी दिल्ली तक पहुंचेगा, जिससे वहां के निचले इलाकों में जलभराव और अव्यवस्था की आशंका बढ़ गई है।
लगातार चढ़-उतर रहा जलस्तर
सुबह से दोपहर तक यमुना का जलस्तर कई बार ऊपर-नीचे हुआ, लेकिन औसतन यह सवा तीन लाख क्यूसेक से अधिक ही बना रहा।
सुबह 7 बजे : 2,72,645 क्यूसेक
सुबह 8 बजे : 3,11,032 क्यूसेक
सुबह 9 बजे : 3,29,313 क्यूसेक
दोपहर 1 बजे : 3,22,416 क्यूसेक
दोपहर 3 बजे : 2,96,810 क्यूसेक
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो जलस्तर और ऊपर जा सकता है, जिससे तटवर्ती गांवों और दिल्लीवासियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
सिंचाई विभाग ने यमुना से सटे इलाकों के ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। विभाग ने दिल्ली प्रशासन को भी जानकारी दे दी है ताकि निचले इलाकों में समय रहते सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें। ग्रामीणों से नदी के किनारों से दूर रहने और आवश्यक सामग्री पहले से सुरक्षित रखने की अपील की गई है।
गांवों में दहशत, दिल्ली में चिंता
सहारनपुर, यमुनानगर और कैराना क्षेत्र के गांवों के लोग नदी की बढ़ती धारा देखकर बेचैन हैं। वहीं, दिल्ली में यमुना किनारे बसे लोग पिछले साल की बाढ़ को याद कर आशंकित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो फसलें और घर डूबने से भारी नुकसान हो सकता है।