उत्तर प्रदेश

2027 तक यूपी को गरीब-मुक्त बनाने की तैयारी, योगी सरकार का जीरो पावर्टी अभियान तेज़

10 माह में 13.32 लाख परिवार चिन्हित, 3.72 लाख को मिल चुका है लाभ

शहरी चौपाल ब्यूरो 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार मॉनीटरिंग का असर अब ज़मीनी स्तर पर साफ दिखने लगा है। महज़ 10 माह में योगी सरकार ने 13,32,634 निर्धनतम परिवारों की पहचान कर ली है, जिनमें से 3,72,000 परिवारों को सीधे तौर पर लाभ भी दिया जा चुका है। ‘जीरो पावर्टी अभियान’ ने प्रदेश को गरीबी-मुक्त बनाने की दिशा में नई मिसाल कायम कर दी है।

मुख्यमंत्री योगी ने स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर इस महत्वाकांक्षी अभियान की घोषणा की थी और 2 अक्टूबर को इसे औपचारिक रूप से शुरू किया गया। अभियान का उद्देश्य ऐसे गरीब परिवारों की पहचान करना है, जो अब भी बुनियादी ज़रूरतों और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत से 25 निर्धनतम परिवार चिन्हित कर उन्हें बहुआयामी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

सबसे ज़्यादा चिन्हित परिवार आज़मगढ़ में

अभियान में सबसे आगे आजमगढ़ जिला रहा, जहां 42,082 परिवार चिन्हित हुए। इसके बाद जौनपुर में 39,374, सीतापुर में 36,571, हरदोई में 30,050 और प्रयागराज में 28,935 परिवार चिन्हित किए गए। पंचायत स्तर पर चलाए गए विशेष अभियान और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से यह लक्ष्य हासिल किया गया।

आर्थिक मदद के साथ जीवन स्तर सुधार पर ज़ोर

सीएम योगी ने स्पष्ट कहा है कि यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि गरीब परिवारों के जीवन-स्तर को सुधारने का प्रयास है। रोजगार, आजीविका, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

डेटा आधारित ट्रैकिंग और निगरानी

जीरो पावर्टी अभियान के तहत चिन्हित परिवारों को पीएम और सीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, आयुष्मान भारत, रोजगार गारंटी और बच्चों की शिक्षा जैसी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। सरकार डेटा आधारित ट्रैकिंग और नियमित मॉनीटरिंग कर रही है, जिससे 100 प्रतिशत परिवारों तक लाभ सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2027 तक उत्तर प्रदेश को गरीबी-मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। सरकार का यह प्रयास अब न केवल प्रशासनिक तंत्र बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी से एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।

 

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