मंच पर ही थम गई सांसें: पूर्व मुख्य सचिव व साहित्यकार डॉ. शंभुनाथ का निधन

शहरी चौपाल ब्यूरो
लखनऊ। “मृत्यु का दिन और समय निश्चित है, उसे कोई नहीं बदल सकता…” – बस, यही कहते-कहते उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और प्रख्यात साहित्यकार डॉ. शंभुनाथ शनिवार शाम मृत्यु के आगोश में समा गए।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में लेखिका मनोरमा श्रीवास्तव के उपन्यास लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ. शंभुनाथ मंच से वक्तव्य दे रहे थे। मृत्यु पर बोलते हुए अचानक उनका सिर मेज पर झुक गया और वे अचेत हो गए। तुरंत उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना के समय उनकी पत्नी चंदा जी भी सभागार में मौजूद थीं। इस अप्रत्याशित हादसे से पूरे समारोह में अफरातफरी मच गई।
मंच का संचालन कवि सर्वेश अस्थाना कर रहे थे। मंच पर मनोरमा श्रीवास्तव, आत्मप्रकाश मिश्र (दूरदर्शन के सहायक निदेशक), वरिष्ठ कवि बुद्धिनाथ मिश्र, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, प्रधान संपादक अमिता दुबे और वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ समेत कई साहित्यकार व बुद्धिजीवी मौजूद थे।
डॉ. शंभुनाथ 1970 बैच के आईएएस रहे और वर्ष 2007 में प्रदेश के मुख्य सचिव बने। साहित्य, प्रशासन और समाज के क्षेत्र में उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा।