20 साल से सड़क को तरस रहा वार्ड 21, मोहल्ला, बनी-बनाई सड़कों को तोड़कर नया खेल – जिम्मेदार कौन?

नितिन शर्मा
शहरी चौपाल ब्यूरो
मुजफ्फरनगर।
नगर पालिका के विकास कार्यों के दावों की पोल मोहल्ला वार्ड. 21 में खुलकर सामने आ रही है। यहाँ के लोग पिछले 20 साल से सड़क का इंतजार कर रहे हैं। बरसात होते ही गलियाँ तालाब में बदल जाती हैं और कीचड़ व गड्ढों से भरी सड़कें बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की रोज़ाना की परेशानी बन चुकी हैं।
जनता का दर्द – “20 साल से केवल वादे”
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बार-बार नेताओं और अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग की, आवेदन दिए और सभासद से भी गुहार लगाई। लेकिन अब तक सड़क नहीं बनी। मोहल्लेवासियों का आरोप है – “हम वोट देते हैं, लेकिन बदले में हमें सिर्फ़ कीचड़ और गड्ढे मिलते हैं।”
भ्रष्टाचार का खेल – “जहाँ सड़क ठीक है, वहीं तोड़ी जाती है”
हैरानी की बात यह है कि जहाँ सड़क पहले से अच्छी हालत में है, वहाँ पालिका ठेकेदार भेजकर सड़कें तुड़वा देती है। लोगों का आरोप है कि यह सीधा-सीधा टेंडर पास कर जनता के पैसे की बंदरबांट का मामला है। ज़रूरत वाली जगहों को नज़रअंदाज़ कर, बिना ज़रूरत की जगह सड़क निर्माण करना केवल भ्रष्टाचार का खेल है।
जिम्मेदारी पर सवाल – पालिका या सभासद?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन हालातों के लिए जिम्मेदार कौन है – नगर पालिका प्रशासन, जो विकास कार्यों की निगरानी करता है, या फिर सभासद राजत धीमान, जिन पर जनता का प्रतिनिधित्व करने का दायित्व है। मोहल्लेवासियों का आरोप है कि पालिका और सभासद की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है।
विकास की हकीकत
नगर पालिका शहर में विकास की गंगा बहाने का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि एक मोहल्ला 20 साल से सड़क को तरस रहा है। यह तस्वीर विकास नहीं, बल्कि बदइंतजामी और भ्रष्टाचार की गवाही दे रही है।
जनता का गुस्सा – “अब चुप नहीं बैठेंगे”
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही सड़क नहीं बनी तो वे पालिका कार्यालय का घेराव करेंगे और आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
बड़ा सवाल
क्या नगर पालिका और सभासद जनता को जवाब देंगे? क्या वार्ड 21 के लोगों को सड़क जैसी बुनियादी सुविधा मिल पाएगी? या फिर भ्रष्टाचार और लापरवाही की यह कहानी ऐसे ही चलती रहेगी ।