गोरखपुर में गुरु ग्रन्थ साहिब के 421वें प्रकाश पर्व पर बोले मुख्यमंत्री योगी
सिखों की प्रगति का कारण गुरु परम्परा के प्रति निष्ठा, देश और धर्म के लिए दी शहादत

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास में वही जाति या कौम जीवित रही है, जो अपने पूर्वजों के शौर्य और पराक्रम का स्मरण कर उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाती है। सिखों की समृद्धि और प्रगति का कारण गुरु परम्परा के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा और निष्ठा है। गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोविन्द सिंह तक की अनुपम और अद्वितीय परम्परा ने भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए बार-बार शहादत दी।
मुख्यमंत्री रविवार को गोरखपुर के पैडलेगंज स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में गुरु ग्रन्थ साहिब के 421वें प्रकाश पर्व पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा गुरुद्वारे में कराए गए विकास कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह दिन सिख समाज की गौरवशाली परम्परा और बलिदान का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी वर्ष को देश और दुनिया में मनाया जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री आवास से दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारे के लिए संदेश यात्रा रवाना की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
योगी ने गुरु गोविन्द सिंह के चारों साहिबजादों के बलिदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। क्रूर यातनाओं और प्रलोभनों के बावजूद वे अपने धर्म से डिगे नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख जाति का गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने अपने लिए नहीं, बल्कि देश और धर्म के लिए जीवन जिया। गुरुद्वारे में अब लंगर और धार्मिक कार्यक्रम और अधिक भव्यता से होंगे, जिसमें सभी धर्मों और जातियों के लोग बिना भेदभाव शामिल हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि 421 वर्ष पूर्व आज ही के दिन हरमंदिर साहिब में गुरु ग्रन्थ साहिब को स्थापित कर उसे गुरु का दर्जा दिया गया था। आज भी पूरी दुनिया में इसके प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव है। गोरखपुर के जटाशंकर, मोहद्दीपुर और पैडलेगंज स्थित तीनों बड़े गुरुद्वारों का स्वरूप अब और बेहतर कर दिया गया है।
इस अवसर पर सांसद रवि किशन शुक्ल और विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, सिख समुदाय से जुड़े लोग और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।